होलिका दहन की 2 बजे रात मडई और दूकान में आगजनी और जान से मारने के मामले में आपसी सुलहनामा के दौरान पीड़ित 50,000/- मिला|
होलिका दहन
की 2 बजे रात मडई और दूकान में आगजनी और जान से मारने के मामले में आपसी सुलहनामा
के दौरान पीड़ित 50,000/- मिला|
धौरहरा चौबेपुर के रहने वाले पीड़ित अशोक यादव पुत्र बाबूलाल यादव निवासी हरिहरपुर,पोस्ट-धौरहरा,थाना-चौबेपुर,जिला-वाराणसी के लिखित आवेदन भेजकर फोटो भेजकर संस्था से न्याय पाने के लिए गुहार लगाये|
पीड़ित ने बताया कि
घटना दिनांक 17 मार्च,2022 को होलिका दहन होने के कारण प्रार्थी रात को अपने दुकान
जो हनुमान मंदिर के पास है| वही पर सो रहा था कि रामअवतार यादव पुत्र स्व० सूरज
यादव,पिंटू सोनकर पुत्र बच्चू राम सोनकर चौबेपुर थानान्तर्गत 18 मार्च की रात
2
बजे प्रार्थी की दुकान पर अपने 4-5 अन्य साथियों के साथ आये गाली गलौज देते हुए
प्रार्थी को लात से मारने लगे| प्रार्थी वेंच पर सो रहा था| प्रार्थी मार खाते ही
वेंच के निचे गिर गया| सभी मिलकर प्रार्थी से दुकान की चाभी छिनने लगे| प्रार्थी
चाभी देने से इंकार किये तो जान से मारने की धमकी देते हुए चाभी छीन लिए और दुकान
का ताला खोलकर गल्ले से विक्री का लगभग 4500/- रुपया व अन्य सामान लुटकर दुकान में
व उसके ऊपर रखे मडहे में आग गला दिये| जिससे प्रार्थी की दुकान व मडहा पूरी तरह से
जल गयी| प्रार्थी का लगभग 90000/- से 100000/- तक का नुकसान हुआ है| प्रार्थी
द्वारा घटना की सूचना up-112 न.पर भी दी गयी है|
इस मामले पर
मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा पीड़ित के तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई
दिल्ली में लिखित आवेदन भेजा गया| जिसके बाद पीड़ित के
ऊपर उक्त लोगो द्वारा मानसिक दबाव बनाये गये| हर दबाव के बाद
संस्था के काउंसलर द्वारा उसे मानसिक स्पोर्ट प्रदान किया जाता रहा| ताकि पीड़ित डर से टूट न सके| दिनांक 11 अप्रैल,2022 को थानाध्यक्ष द्वारा लिखित
आवेदन प्राप्त हुआ| जिसमे बयान के लिए पिंडरा क्षेत्राधिकारी वाराणसी ग्रामीण के
यहा बुलाया गया| पीड़ित पूरी तरह से
डरा हुआ था|
वह मानवाधिकार जन निगरानी समिति के
कार्यालय से पुन: सम्पर्क किया| जहा पर उसे पुन:
काउंसिलिंग करते हुए संस्था के विश्वसनीय व्यक्ति के संरक्षण में पिंडरा
क्षेत्राधिकारी के पास जाकर अपना बयान अंकित कराया| पिंडरा क्षेत्राधिकारी के यहाँ
दोनों पक्षों के बिच समझौता प्रपत्र के साथ मामले को सुलह किया गया और 50,000
रुपया प्राप्त किया गया| जिसके बाद पीड़ित ने
संस्था कार्यालय में आकर अपनी ख़ुशी जाहिर की| उन्होंने कहा की आपके सहयोग से आज
हमे इंसाफ मिल गया| आज मै बहुत खुश हूँ| जिस पर पुन: पीड़ित ने कानून पर समझ बनायी|
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