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Showing posts from March, 2021

SHRUTI NAGVANSHI - Public Peace Prize

https://publicpeaceprize.org/shruti-nagvanshi/

आर्थिक योजना का लाभ दिलाने के बहाने कई बार सम्बन्ध बनाया गया|

  मेरा नाम चंचल (परिवर्तित नाम) उम्र -18 वर्ष , है |   मै जाति की मुसहर हूँ | मेरे पति को मिर्गी आता है | इसलिए मै अपनी एक वर्ष की बच्ची के साथ मायके में हूँ | मेरे बस्ती में पारस बनवासी पुत्र गोकुल उम्र लगभग 60 वर्ष ग्राम - जगदीशपुर ( धरसौना ) थाना – चोलापुर , जिला - वाराणसी आये दिन आकर लोगो का आर्थिक मदद दिलाने के लिए पैसा लेकर फार्म भरवाता था | उस काम में उनका रिश्तेदार पप्पू भी मदद करता था | धीरे - धीरे उन लोगो ने बस्ती के लोगो का विस्वास जीत लिया था | कभी किसी को साथ लेकर जाता और कभी किसी को लेकिन देर सबेर वापस छोड़ जाते थे | एक दिन मैंने भी कहा चाचा हमे भी सरकारी सहायता दिला दीजिये | इसी बीच दिनांक 28 अगस्त ,2020 को पारस चाचा और पप्पू मेरे माँ और पिता जी के साथ मुझे भी कचहरी लेकर आये | यहा पर फार्म भरा जाने के बाद उन्होंने मेरे माँ को पोस्ट – आफिस के पास इंतजार करने के लिए कहा | उन लोगो ने मुझे ले जाते हुए मेरे माँ से बोला कि बस पैसा दिलाकर लेकर आ रहे है | इतना कहकर उन दोनों ने मुझे ऑटो में बीच में बैठाकर गंगापुर ले गये | मुझे ऑटो में बैठाकर पारस चाचा बैक के अंदर गये | 5 मिनट

’मैंने कहा साहब मै अपने पति के खिलाफ कार्यवाही करना चाहती हूँ, चौकी पर सिपाही गुलाब यादव ने कहा छोडो जाने दो’’

मेरा नाम प्रतिमा गुप्ता उम्र 35 वर्ष है | मेरे पति गोपाल जायसवाल है | मेरे तीन बच्चे आस्था 13 वर्ष , ओजस्वी 8 वर्ष और आराध्या 5 वर्ष की है | मै ग्राम रमना बनपुरवा , थाना - लंका , जिला - वाराणसी की रहने वाली हूँ | रोज की तरह (13 जुलाई 2020) उस रात भी मैंने खाने के लिए उतनी रोटिया बनायी थी | उस दिन सब्जी थोड़ी अच्छी बनी थी | बच्चे खाना खा चुके थे | बच्चो के साथ रजनी ने भी खाना खा लिया था | तभी पति आ गये मैंने उन्हें खाना दिया तो वह रजनी ( दूसरी पत्नी ) को खाने के लिए बुलाने लगे | उसने कहा मैंने खाना खाया है | तो उसे जबरदस्ती खाने के लिए बैठाया | वह मुझसे और रोटी मागने लगे रोटी चौके में नही थी | इसी बात को लेकर वह मेरे पास आये बोले खाना कैसे कम हुआ | मैंने कहा अभी बना देती हूँ | इस पर वह मेरा बाल पकडकर दीवाल में माथा लड़ा लड़ाकर मारने लगे | रजनी बोल रही थी क्यों मार रहे है मैंने पहले खाना खाया है | लेकिन वह सुन नही रहे थे मेरा बाल घसीटते हुए मुझे आगन में ले जाकर बुरी तरह पीठ पर लात घुसो से मारे | जब मै गिर गयी तो मेरे सिर पर अध्धा चलाया | उस समय मेरे आँखों के सामने अँधेरा छा गया | कुछ