मेरा नाम चंचल (परिवर्तित नाम) उम्र -18 वर्ष , है | मै जाति की मुसहर हूँ | मेरे पति को मिर्गी आता है | इसलिए मै अपनी एक वर्ष की बच्ची के साथ मायके में हूँ | मेरे बस्ती में पारस बनवासी पुत्र गोकुल उम्र लगभग 60 वर्ष ग्राम - जगदीशपुर ( धरसौना ) थाना – चोलापुर , जिला - वाराणसी आये दिन आकर लोगो का आर्थिक मदद दिलाने के लिए पैसा लेकर फार्म भरवाता था | उस काम में उनका रिश्तेदार पप्पू भी मदद करता था | धीरे - धीरे उन लोगो ने बस्ती के लोगो का विस्वास जीत लिया था | कभी किसी को साथ लेकर जाता और कभी किसी को लेकिन देर सबेर वापस छोड़ जाते थे | एक दिन मैंने भी कहा चाचा हमे भी सरकारी सहायता दिला दीजिये | इसी बीच दिनांक 28 अगस्त ,2020 को पारस चाचा और पप्पू मेरे माँ और पिता जी के साथ मुझे भी कचहरी लेकर आये | यहा पर फार्म भरा जाने के बाद उन्होंने मेरे माँ को पोस्ट – आफिस के पास इंतजार करने के लिए कहा | उन लोगो ने मुझे ले जाते हुए मेरे माँ से बोला कि बस पैसा दिलाकर लेकर आ रहे है | इतना कहकर उन दोनों ने मुझे ऑटो में बीच में बैठाकर गंगापुर ले गये | मुझे ऑटो में बैठाकर पारस चाचा बैक के अंदर गये | 5 मिनट