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Showing posts from August, 2021

थाने में पुलिस हमें तीन चार डंडा मारकर धमकाते हुए बोली तुम बहुत नेता गिरी करते हो, अब तुम पर ऐसा केस लगायेंगे की तुम्हारी नेता गिरी खत्म हो जाएँगी!

       मेरा नाम चिंतामणि सेठ पुत्र स्व० बलराम सेठ है | मै मकान न०- N- 1/1 A- 1 B नगवा , थाना--लंका जिला वाराणसी का मूल निवासी हूँ | मेरी उम्र 60 वर्ष है |  मेरी तीन बेटिया व एक बेटा है जिसमे मैंने तीनो बेटियों की शादी कर दी है बेटा अविवाहित है | मै  BHU अस्पताल के छोटे गेट पर   नाश्ता पानी का दुकान लगाता हूँ| उसी से परिवार का खर्च चलता है | सब की जिन्दगी में कुछ समय के लिए उतार चढ़ाव आता है, लेकिन हमारे साथ यह लगातार हो रहा है | मै रोज सुबह ठेला इस उम्मीद से लगाता हूँ, कि आज की आमदनी से मै घर का यह काम करूंगा, लेकिन दोपहर में यह खबर आ जाती है, उच्चाधिकारी और नेता जी आने वाले है | यह कहते हुए पुलिस हमारे दुकान के सामान को तितर बितर करके सब कुछ बर्बाद कर देती है उस समय हमें बहुत तकलीफ होती और हमसब कुछ लाचार होकर देखते रहते है |      मै 9 जून 2017 को मरते दम तक कभी नही भूल सकता हूँ , दोपहर के दो बजे रहे थे , मै ठेले पर नाश्ते का सामान लगाकर बेच रहा था | तभी अचानक से ढेरो संख्या में पुलिस , नगर निगम के लोग और ACM प्रथम सुशील गौड़ में आकर हमारे दुकानों को हटाने के लिए कहने लगे | मैंने उन्

पुलिस का यह इल्जाम है मैंने एक अपराधी को जन्म दिया है, जबकि मेरे बच्चे को अपराधी बनाने की जिम्मेदार पुलिस है!

            मेरा नाम निकहत सीमा है मेरी उम्र 60 वर्ष है| मेरे पति मो० अलाउद्दीन है| मै CK 50/43 हकाक टोला, थाना- चौक, तहसील-सदर, जिला-वाराणसी की मूल निवासी हूँ| मुझे चार बेटे व चार बेटिया है | जिसमे दो लड़कियो की शादी कर दी है और बाकी बच्चो की शादी करना अभी बाकी है| पुलिस ने ऐसा अपराधी का तमगा मेरे परिवार के ऊपर लगा दिया है कि अब लोग रिश्ता करने से भी कतराते है|               हम अपने बच्चो और परिवार के साथ ख़ुशी–खुशी ज़िन्दगी गुजार रहे थे| लेकिन 2016 से कुछ दबंग लोगो की बुरी नज़र हमारे मकान पर पड़ी कि हमारा घर बर्बाद हो गया | आये दिन पुलिसवाले दबंग के साथ मिलकर मेरे बेटो के ऊपर केस लगाकर जेल भेज देते| एक केस में जमानत लेते तो फिर दूसरा नया केस लग जाता| बच्चो को बचाने के लिए थाना अदालत का चक्कर अभी तक लगाना पड़ रहा है| आज पुलिस व दबंग की वजह से मेरे घर की खुशिया चली गयी| नाते रिश्तेदार सब मुह मोड़ने लगे| अब हम लोगो कि ज़िन्दगी हर वक़्त डर में गुज़रने लगी| पुलिस वाले किसी भी वक़्त घर आकर मेरे दोनों बच्चो (अमन और सलमान) के बारे पूछते है और हम लोगो के साथ बुरा सलूक भी करते है| पुलिस बाले हमारे कोख़

दो कौड़ी के पत्रकार तुम्हारी क्या औकात? तुम क्या दिखाना चाहते तो फोटो खीचकर!

            मेरा नाम जावेद अहमद उम्र - 36 वर्ष है | मेरे पिता का नाम अली अहमद है | मै बरखा , थाना- बरखा , अम्बेडकरनगर का निवासी हूँ | मेरी दो बेटिया है | पहली बेटी इब्रा जावेद उम्र- 5 साल , दूसरी बेटी इकरा जावेद उम्र- 2 साल है | मै विशाल इंडिया समाचार पत्र में पत्रकारिता करता हूँ | इसी काम से मेरे परिवार का आजीविका चलता है | घटना दिनांक जून , 2020 की शाम की है, मै बखारी चौराहे पर खड़ा होकर लाकडाउन के दौरान बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूर का फोटो खीच रहा था | तभी रोहित पाण्डेय निवासी बक्कैया मेरे पास आकर गाली देते हुए बोले कि तुम इन लोगों की फोटो क्यों खीच रहे हो? मैंने बोला भाई मै पत्रकार हूँ इसलिए फोटो खीच रहा हूँ| मेरे मुहँ से पत्रकार शब्द सुनते ही वह गुस्से से तमतमाकर गाली देकर बोले दो कौड़ी के पत्रकार तुम्हारी इतनी औकात की तुम इनलोगों की फ़ोटो क्यों खीच रहे हो? मैंने कहा भाई इससे आपको क्या दिक्कत है ? आप थोडा इज्जत से बात करिये | हम लोग अपना काम कर रहे है, सच्चाई दिखाना हमारा फ़र्ज है| इतना सुनते ही रोहित पाण्डेय मुझपर भड़क गया| उसने मेरे पहचान पत्र पर नाम देखकर बोले कि मुसलामन होने

पुलिस वालो ने मेरे बेटे का जीवन बर्वाद कर दिया !

       मेरा नाम ददनी उम्र -46 वर्ष पति स्व० हुबलाल ग्राम -परसोंई,पोस्ट परसोंई,थाना-ओबरा तहसील रावर्टसगंज जिला -सोनभद्र का निवासी हूँ| हमारे पास 4 लडकी दो लड़का है तीन लडकी का शादी हो गया है जाति का खरवार (अनु० जाति) का हूँ मै विधवा महिला हूँ मै मजदूरी करके अपने बच्चो का लालन पालन करता हूँ| हमारे जिन्दगी में ऐसा कोहराम आया की मै टूट कर विखर गयी हूँ| घटना दिनांक 21-03-2019 समय 9 :00 बजे रात्रि को हमारे गाँव को अनवर खान की मार पीट में हत्या हो गयी थी| उसी दिन होलिका का दिन था हमारे गाँव में 5-6 गाडी पुलिस आयी हमारे गाँव के 12-13 लोगो को जिसमे मेरा बेटा राजेश खरवार उम्र- 23 वर्ष, अपने ही घर में सो रहा था तो भी चौकीदार पकडकर SO साहब, CO साहब के पास ले गया| बोला की पूछ ताछ करके छोड़ देंगे| वह लडको में बड़ा था वही घर में कमाने वाला था वही मजदूरी करके परिवार घर चलाता था उसे पुलिस वाले ने SO के पास ले गये पीछे पीछे मै भी दौड़ते हुयी आयी| SO साहब से पुछे कि साहब मेरे बच्चे को कहा ले जा रहे है तो बोले की थाने पर जा रहे है| पूछ ताछ कर छोड़ देंगे लेकिन मेरा जी घबरा रहा था मेरा रो- रो के बुरा हाल थ

‘’मेरे मन्दिर परिसर में जाने और हैण्डपम्प छूने से अशुद्ध कैसे हो सकता है’’

     मेरा नाम रमेश मुसहर है| मेरी उम्र 21 वर्ष है| मेरे पिता पुराली है| मै अशिक्षित हूँ ईट भट्टे पर मजदूरी करता हूँ| मै विवाहित हूँ| मै ग्राम-सिसवा, थाना-कपसेठी,जिला-वाराणसी का रहने वाला हूँ | मुझे नही मालूम था की आज मन्दिर परिसर में जाने पर मेरे साथ यह सुलूक किया जायेगा| बात 11 मई 2020 की है| मेरे भांजे चन्दन के बढ़े पिता जी की बेटी रेनू अपने पति रामासरे के साथ बस्ती में आयी| उसे चौथा बच्चा होने वाला था| उसने मन्नत माँगा था| इस बार स्वस्थ बेटी हुई तो गाव के ही पाण्डेय बाबा के यहा फुल माला चड़ाउंगी| उसने लगभग एक माह पहले बच्ची को जन्म दिया| जो शारीरिक रूप से स्वस्थ थी| उसने करीब चार बजे मुझसे कहा मामा आप भी हमारे साथ चलकर दर्शन करके आइये| मै सोचा इनके साथ चलूँगा तो इसी बहाने अपनी बहन मंजू के बेटे चन्दन और   बहनोई गुड्डू वनवासी से भी मिल लूँगा| वह लोग अहमदाबाद में मजदूरी करने गये थे | कोविड 19 की वजह से सम्पूर्ण लाकडाउन लग जाने के कारण वह लोग अहमदाबाद में ही थे| 10 मई 2020 को वह लोग आ गये है|लेकिन कोरोना बीमारी के वजह से वह लोग घर नही आयें| उन्हें सिसवा के सरकारी स्कुल में रखा गया था|

’मुझे इस बात का बेहद अफ़सोस है, बेवजह मेरे मासूम बेटे को त्रिभुवन सिंह ने इतनी बुरी तरह मारा’’

       मेरा नाम चन्द्रिका मुसहर है मेरी उम्र 30 वर्ष है| मेरे पिता रामनारायण मुसहर है|मै विवाहित हूँ| मेरे दो बेटे सूर्या आठ वर्ष और सौरव छ:वर्ष के है| मै मुसहर जाति का हूँ| मैंने कक्षा आठ तक की शिक्षा ली है| मै बनी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता हूँ| मै ग्राम-जमुआ,थाना-चन्दवक, जिला-जौनपुर का मूल निवासी हूँ|       24 अप्रैल 2021 की तारीख थी| मै अपने काम पर गया था| शाम को तकरीबन सात बजे मै काम से वापस घर आया| तो सूर्या की चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी| वह अपने माँ से रो-रोकर बोल रहा था बहुत दर्द हो रहा है| बेटे की आवाज सुनकर मै अपने कदमो को तेज कर उसके पास पहुचा|तो देखा की उसकी माँ सूर्या की पीठ पर हल्दी प्याज का लेप लगा रही थी| उसकी माँ के आँख से लगातार आंसू गिर रहा था| मै बेटे सूर्या की हालत देख घबरा गया| मैंने पत्नी से पूछा बेटे को इतनी चोट कैसे लगी| तुम लोग रो क्यों रहे हो|       इस पर सूर्या की माँ ने बताया कि करीब पांच बजे वह नहर पर बकरी चराने गया था| तभी गाव के त्रिभुवन सिंह पुत्र स्व० रामनरेश सिंह कुछ बच्चो को डंडा लेकर मारने के लिए दौड़ाये| सभी बच्चे डर से वहा से