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तुम्हारा चमड़ी उधेड़ देंगे, दिन में सरीफ बनते हो, रात में डकैती करते हो!

मै सूरज कुमार यादव पिता जागेश्वर यादव उम्र 29 वर्ष साकिन ग्राम - दुरोडीह , पोस्ट - डोमचांच , थाना - डोमचांच , जिला - कोडरमा ( झारखण्ड ) के मूल निवासी है | वर्तमान समय में जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष लीलावती मेहता के वाहन का निजी चालक के तौर पर कार्यरत हूँ। जहाँ हमें 10 हज़ार रूपये मासिक वेतन मिलता है जिससे मै अपना घर परिवार चलाता हूँ | आज तक मेरा कोई अपराधिक छवि नहीं है मै नेक और इमानदार व्यक्ति हूँ, मै मेहनत मजदूरी करता हूँ मेरे साथ घटना यह हुई की मेरे घर पर 23 अक्टूबर , 2023 की देर रात अचानक डोमचांच थाना प्रभारी अब्दुल्लाह खान तीन गाड़ी पुलिस फ़ोर्स के साथ दल बल सहित मेरे घर पर आये और हमारे घर को चारों ओर से घेर लिया और फिर हमारे घर का मुख्य दरवाजा को पुलिस पीटने लगा। जब हमारी माँ मुनिया देवी ने पूछी की कौन है ? मेरी माँ दरवाजा खोलते ही माँ ने पूछा किसे ढूंढने आये है। तब अब्दुल्ला खान पुलिस जवानों के साथ बिना जवाब दिये घर के अन्दर घुस गये। घर में रखे सभी सामानों को बिखेर कर तितर बितर कर दिया। और सभी कमरे की तलाशी ली कई महिलाये सोई हुई थी उन्हें भी रात में उठाया जिसके बाद हम
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पुलिस को जब कुछ सुराग नही मिला तो उसने लोगो के घर में घुसकर, खाने पीने की चीज बर्बाद करने लगे!

मेरा नाम बेचना देवी है | मेरी उम्र 65 वर्ष है| मेरे पति का नाम छोटई मुसहर है| मुझे तीन बेटी और दो बेटा है| सभी विवाहित है| मै ईट भट्टे पर बनी मजदूरी करती हूँ| मै ग्राम-पेडूका,चौकी-रामेश्वर,थाना-जंसा,जिला-वाराणसी की मूल निवासिनी हूँ| सुबह का वक्त था| हम लोग अपने-अपने घरो में सोये थे| उस दिन 9 अगस्त 2023 की तारीख थी| तभी पुलिस बस्ती में आयी| उनके साथ गाँव के लोग और प्रधान जी भी थे| पुलिस किस लिए आयी है| किसी को नही पता था| जब पुलिस संजय का ताला तोड़कर तलाशी लेने लगी तो लोग घबरा गये| तभी पता चला की गाँव में संतोष यादव के यहाँ चोरी हुई है| पुलिस को जब कुछ सुराग नही मिला तो उसने लोगो के घर में घुसकर खाने पीने की चीजो को बर्बाद करने लगे| जब हम चोर नही है तो सामान कहाँ से बरामद होगा| लेकिन पुलिस यह बात मानने के लिए तैयार नही थी| घर का सब कुछ बर्बाद कर दिया| जब कुछ नही मिला तो पुलिस वाले हम लोगो को गाली देकर डराने धमकाने लगे और कहने लगे कि जब तुम लोगो पर डंडा बरसेगा तब तुम लोग बताओगे सामान कहाँ है| पुलिस की यह बात सुनकर हम हैरान हो गये| हमारा जन्म यही हुआ है| मै यहाँ की बेटी हूँ| आज त

जब भी हम थाने पर बेटी के बारे में पता लगाने जाते है, तो बोला जाता है हम तुम्हारे बाप के नौकर नही है|

       मेरा नाम सोएब है | मेरी उम्र 59 वर्ष है | मेरे पिता मो० इदरीश है | मै अशिक्षित हूँ | मेरे छ: बेटे व् दो बेटिया है | जिसमे चौथे नम्बर की 26 वर्षीय विवाहित बेटी तकरीबन दो महीने से लापता है | मै अहमदनगर , बजरडीहा , थाना-भेलूपुर , जिला-वाराणसी का मूल निवासी है |           मुझे नही मालूम था कि आज मेरी बेटी के साथ इतना बड़ा हादसा होगा | मुहर्रम की सात तारीख 26 जुलाई 2023 को वह अपने ससुराल लोहता जाने के लिए बजरडीहा ऑटो स्टैंड गयी | 29 जुलाई को जब बेटा खाने पीने की चीज लेकर उसके ससुराल अपनी बहन को देने गया | तो उसके शौहर ने कहा जैनब यहाँ नही है | यह सुनकर मेरा बेटा घबरा गया | उसने यह बात हमे बतायी बेटी कहाँ चली गयी | हर जगह रिश्तेदार नातेदार ऑटो स्टैंड वालो से सब जगह खोजा | लेकिन कही कोई खबर नही मिली | स्थानीय चौकी गये , तो मुहर्रम की वजह से पुलिस वालो की जगह-जगह डयूटी लगी थी | वहाँ से भी कोई मदद नही मिली | हमारी घबराहट बढ़ती गयी | मेरी बेटी का ससुराल वालो के अत्याचार की वजह से दिमागी हालत ठीक नही थी | जब से वह व्याह के गयी है | तब से उसके शौहर और ससुराल वाले प्रताड़ित कर रहे है

मुझे नही मालूम था कि आज हम लोगो के साथ इतना बुरा होगा !

  मुझे नही मालूम था कि आज हम लोगो के साथ इतना बुरा होगा ! मेरा नाम अंजुम परवीन है| मेरी उम्र 23 वर्ष है| मेरे पति मुमताज अंसारी है| मेरे चार बच्चे तीन बेटी और एक बेटा है| मै ग्राम कल्याणपुर,थाना-पिपरवार,जिला-चतरा की मूल निवासिनी हूँ| मुझे नही मालूम था कि आज हम लोगो के साथ इतना बुरा होगा| 5 अगस्त 2021 की तारीख थी| मेरा छोटा बछड़ा अपनी रस्सी खुलाकर रोड की तरफ चला गया| रोड पर एक बुडी औरत गुजर रही थी| वह बछड़े की रस्सी से फंसकर गिर गयी| किसी राहगीर ने उस बूढी औरत की मदद कर उसे उठाकर उसके घर पहुचाया| कुछ देर में बछड़ा घर आ गया| उस वक्त हम लोग इन सब बातो से अन्जान थे| हमने बछड़े को बांध दिया|शाम के पांच बजे थे हम सभी घर पर ही थे|   तभी अचानक युनुस,आलम,तस्लीम,तनवीर,अतहर,अजहर,मजहर,वसीम और अशफाक लाठी डंडा,तलवार और राड लेकर मेरे घर में घुस आये| उन्हें इस तरह आता देख मै घबरा गयी| वह लोग आते ही हमे माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालिया देकर हमारे साथ बदसलूकी करने लगे| हमने कहा हमारी गलती क्या है आप लोग हमारे साथ बदतमीजी क्यों कर रहे है| इस पर वह लोग लाठी डंडा चलाकर बुरी तरह मार पीट करने लगे| उस वक्त घर मे

आस –पास के जितने लोग खड़े थे सभी से दरोगा साहब पूछ रहे है थे की किसने देखा है? इस लडकी के साथ बलात्कार होते और कहाँ ऊँगली किया गया? दरोगा साहब का ये शब्द सुनते ही लोग अवाक् रह गये!

  आस –पास के जितने लोग खड़े थे सभी से दरोगा साहब पूछ रहे है थे की किसने देखा है? इस लडकी के साथ बलात्कार होते और कहाँ ऊँगली किया गया? दरोगा साहब का ये शब्द सुनते ही लोग अवाक् रह गये ! मेरा नाम शाहाना परवीन उम्र- 19 वर्ष, है| मेरे पिता का नाम अख़लाक़ अहमद मं०न० संख्या जे0 33/26 कच्चीबाग़, आज़ाद पार्क,वाराणसी की निवासी हूँ|मेरे पिता जी मजदूरी करके जीवन यापन करते है| मै जाति की मुस्लिम हूँ| मेरे घर की आर्थिक हालत ठीक नही है| लाकडाउन के पहले बिनकारी का काम होता था| लेकिन जब से लांकडाउन लगा है| तब से मेरा परिवार भुखमरी के कगार पर खड़ा हो गया है| इसलिए चाय पान की दुकान खोलकर गुजर–बसर करते है| घटना दिनांक 30दिसम्बर,2021 रात 9 बजे के करीब मेरे चाचा रिजवान अहमद, समीम अहमद (सौतेले चाचा), बड़े अब्बू रमजान अली, के तीन बेटे आशिफ जमाल, (बड़े भाई) शाहीद जमाल,(मंझले) और छोटे में अनस उक्त सभी एकजुट होकर मेरे अब्बू के कमरे अन्दर आकर भद्दी-भद्दी गालिया देते हुए   अब्बू के ऊपर जानलेवा हमला कर दिये| मेरे अब्बू उस वक्त अपने कमरे में बिल्कुल अकेले थे| उस वक्त घर में अम्मी, बहन, भाई सभी दूसरे कमरे में थे| जब वह ल

पुलिस कई दिनों तक गैर क़ानूनी तरीके से हमे हिरासत, में रखकर बुरी तरह मारा पीटा और बेटी से जबरदस्ती जुर्म कुबुलवाया !

  पुलिस कई दिनों तक गैर क़ानूनी तरीके से हमे हिरासत, में रखकर बुरी तरह मारा पीटा और बेटी से जबरदस्ती जुर्म कुबुलवाया! मेरा नाम राजेन्द्र उर्फ़ राजेश वनवासी है| मेरी उम्र 42 वर्ष है| मेरे पिता स्व० लालचंद है| मै अशिक्षित हूँ| मै गाजियाबाद में मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन करता हूँ| मै ग्राम-श्रीनाथपुर(निन्दनपुर),थाना-फूलपुर,जिला-वाराणसी का रहने वाला हूँ| मुझे नही मालूम था कि आज मेरे साथ इतनी बड़ी घटना घटेगी|7 नवम्बर 2021 की तारीख थी| उस वक्त रात के तकरीबन साढ़े दस बजे थे| दरवाजा खटखटाने की आवाज आयी| मेरी पत्नी ने दरवाजा खोला उस वक्त मै सोया था   पुलिस की आवाज सुनकर मेरी नीद खुल गयी| तकरीबन नौ पुलिस वाले घर में घुस आये सभी वर्दी में थे| इतनी पुलिस देखकर मै घबरा गया| तभी पुलिस वालो ने पूछा तुम्हारी बेटी कहा है मैंने कहा साहब बगल वाले कमरे अपने घर वाले के साथ सो रही है|इस पर पुलिस कमरे के दरवाजे पर कई लात मारा| जिससे दरवाजे की सिटकनी टूट गयी| पुलिस कमरे में घुसकर मेरी बेटी आशा और उसके पति करन को पकड़कर ले जाने लगी| मैंने कहा साहब क्या बात है इन्हें क्यों ले जा रहे है| यह सुनते ही पुल