‘’थानाध्यक्ष ने कहा अभी वर्दी उतारकर तुम्हे मारकर तुम्हारी हत्या करवा दूंगा मेरा कुछ नही होगा बहुत होगा मेरा तबादला हो जायेगा,चमार साले तुम चाहे कुछ भी करो हम तुम्हारा FIR नही लिखेंगे’’ मेरा नाम संतोष कुमार है| मेरी उम्र 36 वर्ष है| मेरे पिता मुरली है| मैने एम० बी० ए और एल०एल० बी तक की शिक्षा ली है| मै चमार जाति का हूँ| मै विवाहित हूँ मेरे दो बेटे और दो बेटिया है| मेरा खुद का गैलेक्सी का फर्म है| जिसकी आमदनी से मै अपने परिवार का भरण पोषण करता हूँ| मै ग्राम सवंशा,थाना महराजगंज,जिला-जौनपुर का मूल निवासी हूँ| हमे नही मालूम था कि दलित होने की कीमत मेरे पुरे परिवार को चुकानी पड़ेगी| हमेशा की तरह 18 मार्च 2021 को मै अपने फर्म पर बदलापुर गया हुआ था| मेरी पत्नी रेशमा और बच्चे घर पर ही थे| तकरीबन दस इग्यारह बजे के करीब यादवेन्द्र सिंह के सहयोगी सनी सिंह उर्फ़ गोलू आये| मेरे 12 वर्षीय आदित्य से बोले जाओ मेरा सामान ला दो| मेरा बेटे ने सामान लाने से इंकार किया| इस पर सनी ने कहा चमार साले तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मना करने की यह कहते हुए वह उसे मारने लगा| तभी मेरी पत्नी रेशमा आ गयी| उसने इसका