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Showing posts from September, 2021

कानून सब के लिए बराबर है हम भी एक इन्सान है, हमें भी अपनी बात रखने का हक है!

     मेरा नाम फातिमा बीबी है| मेरी उम्र 60 वर्ष है| मेरे पति स्व० अब्दुल रहमान है| मुझे पांच बेटे और तीन बेटिया थी| लेकिन मेरे पांचो बेटे कुछ-कुछ दिन बाद गुजर गये| दो बेटियों की शादी कर चुकी हूँ| एक बेटी की जिम्मेदारी अभी मेरे उपर है| पति के गुजरने के बाद मै अपने मायके में ही साड़ी की कटाई कर गुजर बसर कर रही हूँ| मै लाट भैरव कोईराना,थाना-जैतपुरा,जिला-वाराणसी की मूल निवासिनी हूँ| उस दिन को मै जीते जी नही भूल सकती | 29 मार्च 2021 की तारीख थी| उस दिन होली का त्योहार था| हम लोग घर पर ही थे| एक दिन पहले शबेबारात था| रात भर इबादत कर सब थके थे| जुहर की नमाज अदा कर कोई सोया था| तो कोई काम कर रहा था| तभी दरवजा और खिड़की की भड़भड़ाने की आवाज आयी| आसिम ने दरवाजा खोला तो पड़ोसी महेश प्रजापति, बबलू सोनकर शराब के नशे में अपने दस पन्द्रह साथियों के साथ घर में घुस आये और तोड़ फोड़ करने लगे| उन्हें ऐसा करता देख हम घबरा गये| आसिम ने मदद के लिए 112 न० पुलिस को फोन लगाया| लेकिन फोन नही लगा कई बार फोन करने पर बात हुई| वह लोग अध्धा चला रहे थे| बचाव में हमारे यहा से भी एकाक अध्धा चला| उसके बाद वह लोग वहा से भाग

पुलिस हमारी बात न सुनकर, हमे ही जिम्मेदार ठहरा रही थी!

     मेरा नाम अजीम है| मेरी उम्र 45 वर्ष है| मेरे पिता अजीमुल्लाह है| मै विवाहित हूँ| मुझे आठ बेटिया और दो बेटा है| जिसमे से दो विवाहित है| मै अशिक्षित हूँ| हथकरघा पर बिनकारी कर अपने परिवार का जीवन यापन करता हूँ| मै लाट भैरव कोईराना, थाना-जैतपुरा,जिला-वाराणसी का मूल निवासी हूँ| होली का दिन (29 मार्च 2021) था| मै रोजे से था घर पर सो रहा था| उस वक्त दिन के तकरीबन ढाई बजे थे| कुछ देर बीता तो मेरी पत्नी हदीसुन मुझे आकर जगाने लगी बोली उठो झगड़ा हो रहा है| पत्नी की बात सुनकर मै घबराकर उठकर बाहर आया| मै लोगो को हटाने बढ़ाने की कोशिश करने लगा| उस पर पड़ोसी महेश प्रजापति, बबलू सोनकर अपने दस पन्द्रह साथियों के साथ इतने उग्र थे| की उनमे किसी ने मेरी ओर अध्धा चलाया| वह आकर मेरे दाहिने माथे की ओर लगा| मेरे माथे से खून निकलने लगा| मै कमजोर हूँ खून देखकर घबरा गया| अजीब सी घबराहट होने लगी| मेरी तबियत बिगड़ने लगी| घर के सभी लोग डर से वहा से हट गये | मै भी छत पर जाकर लेट गया| उस वक्त बहुत तकलीफ हो रही थी|दर्द से जान निकली जा रही थी| दहशत भरा माहौल था|                आसिम ने मदद के लिए 112 नम्बर को फोन ल

थानेदार साहब को प्रार्थना पत्र दिया उसे न लेकर कहा जो होना था हो गया, जाकर चुपचाप बैठो नही तो ऐसा कलम चलाऊंगा की बीस साल तक जेल की चक्की पिसोगे!

       मेरा नाम राजकुमार है मेरी उम्र 40 वर्ष है| मेरे पिता स्व० छोटेलाल उर्फ़ छोटई है| मैंने कक्षा पांच तक की शिक्षा ली है| मेरे पांच बच्चे है तीन बेटी व दो बेटा है| मै चमार जाति का हूँ| मै टूरिस्ट बस का ड्राइवर हूँ| लेकिन लाक डाउन के बाद से अभी घर पर ही हूँ| मै ग्राम- गोसाईपुर अनौरा, थाना-बड़ागाव जिला-वाराणसी का मूल निवासी हूँ|         आज भी मेरा छोटा भाई दबंगो के उकसाने पर मुझे धमकी देता है कि रास्ते से हट जाओ नही तो अंजाम बुरा होगा| मै दिन रात फ़िक्र में रहता हूँ की भाई की आड़ में वह लोग फिर परिवार के साथ कोई अन्होनी न कर दे|      आज के कुछ साल पहले भी मेरे परिवार के साथ दर्दनाक घटना घटी |जिसे मै आज तक भूल नही पाया और उसके न्याय की लड़ाई आज भी लड़ रहा हूँ|        मुझे नही मालूम था की आज मेरे पिता का यह आखिरी खाना है| 29 जून 2018 को हमेशा की तरह पिताजी रात का खाना खाकर पाही पर सोने गये| पाही पर दो कमरा था एक में सारा सामान था दुसरे कमरे में एक तरफ भूसा और दूसरी ओर पिताजी सोते थे| उनके जाने के बाद हम लोग भी खा पीकर सो गये| सुबह के पांच बजे सरोज देवी चिल्लाते हुए मेरे घर आयी और बोली

उस समय यही एहसास हो रहा था कुछ देर पहले मै थाने में फरियादी बनकर आया, अभी अपराधी की तरह लाकअप में हूँ!

 `             मेरा नाम राधेश्याम राजभर है| मेरी उम्र 55 वर्ष है| मेरे पिता स्व० ठल्लू राम राजभर है | मेरी पांच बेटिया व दो बेटे है जिसमे चार बेटी व एक बेटे की शादी हो चुकी है | मै बिनकारी का काम करता हूँ| जिससे परिवार का गुजर बसर चलता है | मै ग्राम- केशरीपुर, थाना-रोहनिया, जिला- वाराणसी का रहने वाला हूँ| (8 अगस्त 2020) शनिवार का दिन था | सुबह के करीब साढ़े नौ बजे थे| मेरे बड़े भाई स्व० प्रभुदास के बेटे संजय, बलवंत और हेमंत घनश्याम के हिस्से पर दिवाल डलवा रहे थे| मैने सोचा मै कुछ बोलूँगा तो वह लोग मुझसे झगड़ा करेंगे| यही सोचकर मै इसकी शिकायत करने रोहनिया थाने गया | वहा पंडित जी को पचास रुपया दिया| अपनी परेशानियों को बताकर उनसे प्रार्थना पत्र लिखवाया |मै उसे देने के लिए थाने के अंदर दरोगा जी के पास गया | उन्हें अपनी परेशानी    बताकर मदद की गुहार लगायी |तो दरोगा जी मुझे थानाध्यक्ष जी के पास ले गये| थानाध्यक्ष जी ने पूछा क्या बात है | मैंने कहा साहब वह लोग दुसरे के हिस्से पर कब्जा कर रहे है | इस पर थानाध्यक्ष जी बोले तुम्हारे पास कागज है| मैंने कहा साहब यह खतौनी है| खतौनी में पिता का नाम

मै अपने देश के कानून और संविधान का सम्मान करता हूँ!

मेरा नाम सलमान उम्र 22 वर्ष है| मेरे पिता नईम अहमद वह पैरलाइज है| हम आठ भाई बहन है|मै चौथे नम्बर पर हूँ|मैने कक्षा दस की परीक्षा दी थी लेकिन उत्तीर्णनही कर पाया|मै दुसरे के यहा जनरल स्टोर पर मजदूरी करता हूँ| मै गली न०-10 शहंशाहबाद, थाना क्वार्सी, जिला- अलीगढ़ का रहने वाला हूँ| घटना 15 मई 2020 की है| रमजान का वक्त था| घर पर कुछ लोग आये थे| गली न०-आठ में मेरा भाई आमिर किराये पर रहता था| मै वही सोने चला गया| मै फज्र में उठ जाता था लेकिन उस दिन मेरी आँख नही खुली दुसरे किरायेदार ने मुझे उठाया मै उठा| समय देखने के लिए पास में पढ़े मोबाईल को खोजने लगा वह नही दिखा| मैंने दुसरे फोन से जब नम्बर डायल किया तो स्वीच आफ आ रहा था|             सुबह करीब साढ़े आठ बजे मै नगला पटवारी चौकी पर मोबाईल चोरी की   शिकायत करने गया लेकिन चौकी पर कोई नही था मै वापस दुकान पुलिस लाइन चला आया| करीब 11 बजे मै प्रार्थना पत्र लेकर थाने गया| लेकिन कोरोना महामारी के चलते वहा न मेरा प्रार्थना पत्र लिया गया और न ही कोई सुनवाई हुई| मै वापस घर चला आया| दुसरे दिन लगभग दो बजे मेरी भाभी गली से गुजर रही थी| तभी पांच बदमाश च

मुझे इस बात की दिली तकलीफ है, कि यह मेरे भविष्य को ख़राब करने की नियत से हम पर मुकदमा दर्ज कर प्रताड़ित कर रहे हैं !

मेरा नाम राहुल उम्र 25 वर्ष है| मेरे पिता स्वर्गीय नन्दलाल यादव है| मै ग्राम-मढ़ी , पोस्ट-धनेथू , थाना-नेवढि़या , जिला-जौनपुर का मूल निवासी हूँ | मेरे पिता अब नही है | घर में मेरी बीमार विधवा माँ मुनरा देवी है|मेरे   दो भाई खेती किसानी करते है और एक भाई झारखंड रेलवे में कर्मचारी है | मै विद्यार्थी हूँ | कई साल से जौनपुर में ही किराये का मकान लेकर प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहा हूँ| अभी पूर्वांचल यूनिवर्सिटी (एम.एस.सी.एजी) एम०ए कर रहा हूँ | सम्पूर्ण लाकडाउन के दौरान मै जौनपुर में था| 7 अप्रैल 2020 मेरे गैर मौजूदगी मेंमेरे चाचा स्वर्गीय किशोरी लाल यादव के बेटे अनिल यादव और सुभाष यादव शराब पीकर मेरे घर आये| आते ही वह मेरी माँ को गंदी-गंदी गालिया देते हुए बोले तुम्हारे बेटो को जेल भिजवा कर रहुगा| भाई ने इसका विरोध किया|तो वह लोग भड़क कर घर का सारा सामान फेक दिया| घर वालो को यह धमकी दिया की तुम लोगो को फंसा कर रहूँगा|वह लोग नेवढि़या थाने गये| हमपर यह आरोप लगाया  की हम लोग उनके घर में घुसकर तोड़ फोड़ और मारपीट किये है |उनकी शिकायत के आधार पर थाने में मेरे और बड़े भाई के खिलाफ NCR दर

पेड़ के नीचे बैठकर दरोगा जी का इन्तेजार कर रहा था उस वक्त दर्द से बहुत तकलीफ थी, विपक्षी थाना में अंदर बैठकर हंसी ठिठोले कर रहे थे!

       मेरा नाम रमाशंकर उर्फ़ पप्पू उम्र 32 वर्ष है| मेरे पिता पन्नालाल गौतम है| हम तीन भाई और तीन बहन है| मेरा संयुक्त परिवार है, मै बड़ा हूँ और विवाहित हूँ| मेरे दो बच्चे है बेटी 7 वर्ष और बेटा 5 वर्ष का है| मै मुंबई में मॉल लोडिंग का काम करता था| सम्पूर्ण लाकडाउन के वजह से 15 मई 2020 को मै गाव वापस आ गया| मै ग्राम-गोरापट्टी पांडेयपुर अमानी , थाना-रामपुर , जिला-जौनपुर का मूल निवासी हूँ |             इस घटना ने मेरे पुरे परिवार को झकझोर दिया| यह दिन मै चाह कर भी नही भूल सकता| 7 जून 2020 की सुबह मै और मेरे पिता पोखरा पर मनरेगा में काम करने गये थे |तभी हल्ला हुआ की मेरे छोटे भाई सभाशंकर को पंडित लोग बुरी तरह मार दिए है| वह उठ भी नही पा रहा है | यह सुनकर मै और पिताजी दौड़ कर आने लगे | उस समय बार-बार दिमाग में यह बात आ रही थी की वहबकरिया चराने गया था| ऐसी क्या बात हुई| हम आये मेरा भाई जमीन पर पड़ा था किसी तरह उसे उठाकर घर ले आये | तभी कृष्णकान्त पाण्डेय पुत्र रामशिव पाण्डेय आ गये बोले जो हुआ उसको छोडो हम सुई दवाई करा देते है| वह बड़ी बिरादरी के लोग है उनके ऐसा बोलते ही हमारे उपर दबाव बड़ने