Skip to main content

Posts

Showing posts from April, 2021

डॉ. लेनिन रघुवंशी: दलितों और दबे-कुचलों की भलाई में जीवन समर्पित | Kya B...

Please support us for reaching out to more survivor of Domestic Violence

  रोज की तरह   (13   जुलाई   2020)   उस रात भी मैंने खाने के लिए उतनी रोटिया बनायी थी |  उस दिन सब्जी थोड़ी अच्छी बनी थी |  बच्चे खाना खा चुके थे |  बच्चो के साथ रजनी ने भी खाना खा लिया था |  तभी पति आ गये मैंने उन्हें खाना दिया तो वह रजनी   (दूसरी पत्नी)   को खाने के लिए बुलाने लगे |  उसने कहा मैंने खाना खाया है |  तो उसे जबरदस्ती खाने के लिए बैठाया |  वह मुझसे और रोटी मागने लगे रोटी चौके में नही थी |  इसी बात को लेकर वह मेरे पास आये बोले खाना कैसे कम हुआ |  मैंने कहा अभी बना देती हूँ |  इस पर वह मेरा बाल पकडकर दीवाल में माथा लड़ा लड़ाकर मारने लगे   |  रजनी बोल रही थी क्यों मार रहे है मैंने पहले खाना खाया है | लेकिन वह सुन नही रहे थे मेरा बाल घसीटते हुए मुझे आगन में ले जाकर बुरी तरह पीठ पर लात घुसो से मारे |  जब मै गिर गयी तो मेरे सिर पर अध्धा चलाया | उस समय मेरे आँखों के सामने अँधेरा छा गया |  कुछ देर तक वही पड़ी रही |  जब थोड़ी हिम्मत हुई तो उठकर कमरे में गयी |  मेरा सिर फटा जा रहा था   | बदन तेज दर्द हो रहा था |  मुझे उस समय बहुत गुस्सा आ रहा था | ( Excerpt from the testimony of Pratima